Monday, October 7, 2019

कान का बहना

कान का बहना

कान का बहना मवाद जैसा या पानी के समान बहना, कान बहने के कुछ आम प्रकार हैं। बहाव तीव्र या पुराना हो सकता है। कान बहना बच्चों, किशोरों , किशोरियों, कुपोषित बच्चों (क्‍वाशिओर्कर, मरास्‍मस से प्रभावित) एवं अस्वास्थ्यकर क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों में आम हैं। कारण :- सामान्‍य सर्दी-जुकाम के साथ माध्यमिक बैक्टीरियल संक्रमणों की जटिलता। लक्षण :- क या दोनों कानों में दर्द गंध के साथ बहाव बुखार उपचार - सामान्यतः कान से मवाद आने को मरीज गंभीरता से नहीं लेता, इसे अत्यंत गंभीरता से लेना चाहिए अन्यथा यह कभी-कभी गंभीर व्याधियों जैसे मेनिनजाइटिस एवं मस्तिष्क के एक विशेष प्रकार के कैंसर को उत्पन्न कर सकता है। कान में मवाद किसी भी उम्र में आ सकता है। कान से मवाद आने का स्थान मध्य कर्ण का संक्रमण है। मध्य कर्ण में सूजन होकर, पककर पर्दा फटकर मवाद आने लगता है। मध्य कान में संक्रमण पहुँचने के तीन रास्ते हैं, जिसमें 80-90 प्रश कारण गले से कान जोड़ने वाली नली है। इसके द्वारा नाक एवं गले की सामान्य सर्दी-जुकाम, टांसिलाइटिस, खाँसी आदि कारणों से मध्य कर्ण में संक्रमण पहुँचता है। डॉक्टर चाहे वह झोलाछाप हीं क्यों न हो, उसका भी दवा अवश्य काम करेगा और पूरी तरह यह बीमारी मिट जाएगी यदि आपने नीचे लिखे निर्देशों का पालन किया। कान साफ़ करने के बाद ही कान में दवा डालें। दवा के डालने के बाद कान को रुई से हमेशा बंद रखे अन्यथा हवा के संसर्ग से मवाद का आना बंद नहीं होगा। ये प्रक्रिया तीन महीने तक जारी रखें। आपको एहसास हो जायेगा कि कान से मवाद आना बंद हो गया है, लेकिन ऐसा होता नहीं है और ६ महीने या एक साल के अन्दर इसकी पुनरावृति हो जाती है। ऐसा होने पर पुनः वही प्रक्रिया चालू कर दें। इस प्रक्रिया को तीन बार करने से यह पूरी तरह ठीक हो जाती है। सावधानियां :- कान में पानी या तेल न डालें स्‍नान करते समय हमेशा दोनों कानों में कपास लगायें जब भी बहाव हो, कान साफ करने की कपास की तीली से कान साफ करें ई.एन.टी चिकित्सक से उपचार के लिए उचित परामर्श लें।

No comments:

Post a Comment